वेदों और पुराणों में गाय को गौ माता का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है। चरक संहिता में पंचगव्य यानी गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से कई रोगों के इलाज के बारे में बताया गया है। गाय का दूध, दही और घी शरीर को मजबूती देता है। वहीं गोबर व गोमूत्र शरीर के शुद्धीकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर एक देसी गाय 2-8 लीटर दूध देती है। इस दूध से हमें छाछ, घी, मक्खन, पनीर और दही जैसी कई चीजें मिलती है। गाय से मिलने वाली कोई भी चीज बेकार नहीं जाती। गाय के पंचगव्य ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि खुजली, दाद, पेटदर्द, कब्ज और बवासीर जैसे रोगों का इलाज भी करते हैं। कई शोधों में गोबर और दही को कैंसर जैसे रोगों के इलाज में उपयोगी माना है। आइए जानते हैं अन्य फायदों के बारे में। पंचगव्य के फायदे दूध देता है ताकत छह महीने से 10 साल की उम्र तक के बच्चों को गाय का दूध पिलाने से वे एक्टिव रहते हैं और उनका वजन नहीं बढ़ता। भैंस के दूध की बजाय गाय का दूध बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अच्छा होता है। गाय के दूध में कैरोटिन होता है जो हड्डियों व मांसपेशियों का विकास करता है।